सेहत के लिए अत्यंत गुणकारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां इस प्रकार हैं

भारत ने आयुर्वेद को संपूर्ण विश्व में फैलाया है। आयुर्वेद का जिक्र हमारे पुराणों एवं कथाओं में रहा है और आज के इस वैज्ञानिक युग में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। आज की फार्मास्युटिकल एवं एफएमसीजी कंपनियां जो हमारे लिए औषधियां एवं सौंदर्य प्रसाधन की सामग्रियां निर्मित करती है। इनका भी रुझान आयुर्वेद की दिशा में काफी तीव्रता से बढ़ा है। आयुर्वेद हमारे शरीर को रोगों के उपचार एवं स्वस्थ मन के लिए काफी विशेष माना जाता है। आज हम आपको इस आधुनिक युग में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के विषय में बताने जा रहे हैं।

शतावरी

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस जड़ी-बूटी का उपयोग वजन घटाने के लिए किया जाता है। शतावरी एक प्रमुख कैंसर रोधी दवा होती है, जो कैंसर के उपचार में बेहद सहायक साबित होता है। इसका इस्तेमाल महिलाओं के गर्भ से संबंधित बीमारी, माहवारी में समस्याएं जैसी परेशानियों के लिए रामबाण साबित होती है।

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तुलसी

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि तुलसी घर-घर में पाये जाने वाला पौधा होता है। इसके रस का उपयोग साइनस, कान, सिर एवं नाक दर्द के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह सूजन, रतौंधी और गले में होने वाली समस्याओं के लिए एक रामबाण का कार्य करता है।

अश्वगंधा

अश्वगंधा हमारे शरीर की दुर्बलता को कम करने का कार्य करता है और यह पाच्य क्षमता को भी बढ़ाता है। यह हमारे शरीर की हड्डियों को बेहद मजबूती प्रदान करता है। इसके एंटी कैंसर एवं एंटी ट्यूमर युक्त गुणों की वजह से इसका बेहद ही अधिक उपयोग किया जाता है। इसका प्रतिदिन सेवन करने से तनाव, अनिद्रा, ब्लड प्रेशर एवं मधुमेह जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।

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ब्राह्मी

ब्राह्मी जड़ी बूटी का इस्तेमाल डायबिटीज, दिल की बीमारी, तनाव, सिरदर्द एवं आंखों में पड़ने वाली सूजन के लिए किया जाता है। इसे स्तनपान करने वाली महिलाओं एवं शतावरी के दौरान महिलाओं को सेवन के लिए दिया जाता है। यह महिलाओं को गर्भ के दौरान दी जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। आयुर्वेद में इन सभी जड़ी बूटियों को सीरप और चूर्ण दोनों रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसका सेवन दवाओं की भांति सुबह-शाम गर्म पानी दूध के साथ किया जाता है। आयुर्वेद में बीमार आदमी के इलाज के लिए जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है। एक आदमी की दीर्घ आयु और बेहतर जीवन के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।